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अफीम का विष उतर जाता

घोट-पीस कर हे या

गोली धारोष्ण गोदुग्ध के साथ लें। नपुसकता का

५-६ सप्ताह सेवन करें।

जिला की गिरी ४० ग्राम को ठण्डाई की भाँति घोटकर पिलान नशा-नाशक

अफीम का विष उतर जाता, है। २. अरण्ड की नरम नरम हरी कॉपले १०० ग्राम को ४०० ग्राम पानील उण्डाई की भाँति पीस लें। इसे थोड़ा-थोड़ा ३-४ बार में पिलाने से अफीम

विष उतर जाता है। ३. आंवले के पत्ते १०० ग्राम को ४०० ग्राम पानी में ठण्डाई की पह घोटकर पिलाने से पर्याप्त समय की खाई हुई अफीम का विष भी दूर हो जाना बाक यदि मनुष्य साँस ले रहा हो तो।

नाक के रोग

पीनस-सोंठ, पीपल छोटी, छोटी इलायची के बीज-प्रत्येक ४

सबको पीसकर १०० ग्राम गुड़ में मिलाकर १-१ ग्राम की गोलियाँ बना प्रतिदिन रात्रि में दो गोलियाँ गुनगुने पानी के साथ खिलाने से पीनस, जुकाट खाँसी और कफ दूर हो जाते हैं।

छींक-हरे धनिया के पत्ते और सफेद चन्दन का बुरादा-दोनों पीसकर सुँघाने से अधिक छींकों का आना बन्द हो जाता है।

Ref by Chamatkari Aushadhi Book by swamiparamhansh Jagdish ishwaransnd sharswati 

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