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लवणभास्कर चूर्ण :-------

लवणभास्कर चूर्ण

यह एक प्राकृतिक उपचार है। जो पाचन, भूख की कमी, गैस, आफरा, पेट दर्द, अपच और भी बहुत से रोगों में काम आती है । यह आयुर्वेद में,  हजारों वर्षों से प्रयोग होने वाली आयुर्वेदिक औषधीय है । जिसमें बहुत सी प्राकृतिक जड़ी बूटियों से मिलाकर बनाई हुई होती है । इस चूर्ण को एसिडिटी की समस्या में भी बहुत काम में लिया जाता है । आम विकार,  जिसमे आम का पाचन नहीं होता है,  उसे में भी लवण भास्कर चूर्ण के सेवन लाभ मिलता है । यह बहुत ही उपयोगी आयुर्वेदिक औषधीय है ।
1- घटक द्रव्य और निर्माण --------
     सेंधा नमक, काला नमक, धनिया, पीपल, पीपला मूल, काला जीरा, तेजपात, नागकेशर, तालिसपत्र और अम्लवेत । ये सभी 20-20 ग्राम । समुद्री नमक 80 ग्राम, संचर नमक ( मनिहारी ) 50 ग्राम, कालीमिर्च, जीरा और सौंठ, 10-10 ग्राम, अनारदाना 50 ग्राम, दालचीनी और इलायची 6-6 ग्राम, इन सभी को कूट - पीसकर महीन चूर्ण बना लें। 
2- गुणकारी और उपयोगी -------
     लवण भास्कर चूर्णा पाचन को सुधारने में सहायता करने वाली , एक आयुर्वेदिक औषधि है। 
* अपच, पेट फूलना, और कब्ज जैसी समस्याओं को दूर करता है ----
      लवण भास्कर चूर्णा पाचन प्रक्रिया को सुधारकर अपच, पेट की फूलना, और कब्ज जैसी समस्याओं को,  कम करने में सहायता करता है।
* भूख बढ़ाता है ------ 
     इस चूर्ण का सेवन करने से आपकी भूख बढ़ सकती है, जिससे सही मात्रा में आहार लेने में सहायता मिलती है।
* गैस और एसिडिटी को कम करता है ------ 
     यह चूर्ण गैस और एसिडिटी को कम करने में सहायता कर सकता है और पेट में उत्तेजना को कम करने में सहायक हो सकता है।
* अल्सर और गैस्ट्र्रिटिस के लक्षणों को कम करता है ---
     लवण भास्कर चूर्ण अल्सर और गैस्ट्र्रिटिस के लक्षणों को शांत करने में लाभदायक होता है । इसका सेवन, अविपतिकर चूर्ण के साथ,  एसिडिटी की समस्या में किया जाता है ।
* शरीर को डिटॉक्स करता है -----
      इस चूर्ण का सेवन करने से,  आपके शरीर की डिटॉक्सिफिकेशन प्रक्रिया को सहायता मिल सकती है। जिससे अनियमितताओं को कम करने में सहायता हो सकती है। इसलिए लवण भास्कर चूर्ण का प्रयोग करने से , शरीर शुद्ध होता है और गन्दगी शरीर से बाहर निकालती है ।
* प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करता है -----
      लवण भास्कर चूर्ण,  आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने में सहायता कर सकता है। जिससे आपके शरीर का रोग प्रतिरक्षण बढ़ सकता है।
3- मात्रा और अनुपान -------
* वयस्कों के लिए ------ 1 चम्मच चूर्ण को 1 गिलास पानी या दूध के साथ दिन में दो बार लें।
* बच्चों के लिए ------- 1/2 चम्मच चूर्ण को 1/2 गिलास पानी या दूध के साथ दिन में एक बार लें।
4- सावधानी ------
* आमतौर पर,  लवण भास्कर चूर्ण के कोई भी साइड इफेक्ट्स नहीं होते हैं । परन्तु , फिर भी इसे नियमित निर्देशित मात्रा में ही लिया जाना चाहिए । सयंमित मात्रा में अगर लिया जाये तो , यह पूर्णत: साइड इफेक्ट्स से रहित है । परन्तु मात्रा अधिक लेने पर सीने में जलन, दस्त और सिरदर्द जैसी समस्या हो सकती है । अत: एक वैद्य/ आयुर्वेद चिकित्सक की सलाह से ही,  लवण भास्कर चूर्ण का प्रयोग करना चाहिए ।
* कुछ लोगों में , लवण भास्कर चूर्ण से,  एलर्जी हो सकती है।
* गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को,  लवण भास्कर चूर्ण का सेवन करने से पहले वैद्य/आयुर्वेद चिकित्सक  से सलाह लेनी चाहिए।
* लवण भास्कर चूर्ण का सेवन, अधिक मात्रा में करने से उल्टी, दस्त, और पेट में जलन जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
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डॉ. आर.एस.दुबे

पंचगव्य चिकित्सक एवं आयुर्वेद चिकित्सक

do. aar.es.dube

 

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